संकटों में सहारा

उन दिनों पिलानी में प्रोफेसर टयूशन नहीं करवा सकते थे पर घासीराम शोध छात्र थे। अतएवं यह भांप अध्ययनरत एक सिख छात्र दलजीतसिंह ने घासीराम से टयूशन का निवेदन किया। बी.ए. के विद्यार्थी दलजीत को टयूशन कराने से घासीराम को ५० रूपये अतिरिक्त आमदनी होने लगी। साथ ही समृद्ध दलजीतसिंह ने दिल्ली से गणित की प्रसिद्ध 'खन्ना गाइड` घासीराम को लाकर दे दी। घासीराम को काफी राहत मिली। अब सवाल हल करने में काफी समय बच जाता और यह समय शोध के लिए बड़ा महत्वपूर्ण था।