ग्रीन कार्ड की प्राप्ति

गर्मियों की छुटि्टयों में उन्होंने ने ानल एरोनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनेस्ट्रेशन (नासा) में सलाहकार का काम किया। यहीं प्रो. व्हाइट से मुलाकात हुई। प्रो. व्हाइट के पास नेवी की पचास हजार डॉलर की एक वार्षिक ग्रांट थी। उन्होंने अपने प्रोजेक्ट में घासीराम को भी जोड़ा। इस जुड़ाव के कारण घासीराम को ग्रीन कार्ड मिल गया। अब वे जब चाहें तब तक ग्रीन कार्ड (इमिग्रेंट वीजा) के बूते अमेरिका में रह सकते थे।
डॉ. जी.आर. वर्मा अर्थात् अपने घासीराम ने कई वर्षों तक प्रो. व्हाइट के प्रोजक्ट पर काम किया।