अमेरिका से बुलावा

जून, 1958 में घासीराम के पास अमेरिका से एक पत्र आया। यह पत्र कुरांट संस्थान से था जिसमें घासीराम को न्यौता देते हुए 400 डॉलर प्रतिमाह देने का वचन था। भारतीय रूपयों के हिसाब से 2000 रूपयों का निमंत्रण था। घासीराम का सपना सच होने वाला था। लेकिन पहले अमेरिका जाने का प्रबंध भी तो करना था।