विवाह

इंटर करते ही घरवालों ने आखातीज के अबूझ शुभ मुहुर्त में नयासर के गंगारामजी की सुपुत्री रूकमणी से आपका विवाह कर दिया।
रूकमणी अनपढ़ थी।