अमेरिका की धरा पर परिवार

न्यूयार्क पहुंचने पर घासीराम के मित्र प्रो. रूपचंद साहनी के छोटे भाई डॉ. बिधिचंद साहनी ने उनकी आगवानी की। न्यूयार्क दो दिन साहनी के घर ठहरे। यहीं से अपने विभागीय अध्यक्ष प्रो. पीज को फोन किया और वादे के अनुसार निर्धारित ट्रेन से किंग्स्टन पहुंचे।

किंग्स्टन समुद्र किनारे का छोटा-सा शहर है। वहां की आबादी मात्र एक हजार थी। जबकि अध्यनार्थ आने वाले छात्रों की संख्या १६ हजार।